नगर निगम की बोर्ड बैठक रही हंगामेदार व बेनतीजा

कोटद्वार। नगर निगम की बोर्ड बैठक हर बार की तरह हंगामेदार व बेनतीजा रही । शुक्रवार देर रात तक चली बैठक में पार्षदों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया कि पार्षदों के प्रस्ताव पर निगम अनदेखी करता है और प्रस्ताव पर कार्य नहीं होता है । निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्षदों ने मुखर होकर आवाज उठाई । निर्माण कार्यों पर एनओसी अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए जाने की मांग पर पार्षद अडे रहे। पार्षदों के सवालों का नगर आयुक्त ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया ।
बैठक के मुख्य एजेंडे पर शाम 7 बजे बाद कार्यवाही शुरू हुई। बैठक में पीआरडी कर्मचारी सफाई कर्मचारियों के विषय में चर्चा हुई और सर्वसम्मति से तय हुआ कि पूर्व की भांति कर्मचारी यथावत रहेंगे । आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त करने की बात की। कुछ पार्षदों की हठधर्मिता के कारण बैठक नियमानुसार सुचारू रूप से नहीं हो पाई अन्य पार्षदों को बोलने का मौका नहीं मिला । अंत में नगर आयुक्त से बहस होने के कारण नगर आयुक्त बैठक छोड़कर चले गए। कुछ पार्षद भी बैठक नियमानुसार ना होने व समय अधिक होने के कारण बैठक से चले गए थे। कुल मिलाकर बैठक जलपान तक सीमित रही।
बैठक में कूड़ा निस्तारण शुल्क पर चर्चा हुई कुछ पार्षदों ने शुल्क न देने की बात कही जबकि नगर आयुक्त शुल्क लेने के पक्ष में दिखे। इस मौके पर मनीष भट्ट, सौरभ नौटियाल, कमल नेगी, सुभाष पांडे, राकेश बिष्ट, कविता मित्तल, मीनाक्षी कोटनाला, लीला कंडवाल, रोहणी देवी, विजेता, बीना नेगी, गायत्री भट्ट, आशा चौहान,अनिता मल्होत्रा, गीता नेगी, नईम अहमद, अंजुम सभा, रितु चमोली, सोनिया नेगी, ज्योति सिंह, गिदी दास, सूरज प्रसाद कांति, विपिन डोबरियाल, अनिल रावत, अमित नेगी, विवेक शाह, जगदीश मेहरा, सुखपाल शाह, पिंकी रावत, नीरुुबाला खंतवाल, कुलदीप कंबोज आदि पार्षद गण मौजूद रहे ।

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