आरएसएस के प्राथमिक शिक्षा वर्ग में जिला प्रचारक डॉ. नरेंद्र सिंह ने स्वयं सेवकों को किया सम्बोधित, दी जानकारी
रूडकी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आनंद स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर रुड़की में 01 अक्टूबर से प्राथमिक शिक्षा वर्ग चला जा रहा है। जिसमें 200 स्वयं सेवक निर्धारित दिनचर्या में पाठ्यक्रम अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिसमें योग, आसन, खेल, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार समता, प्रार्थना, दंड प्रहार द्वारा शारीरिक एवं गण गीत, एकल गीत, अमृत वचन सुभाषित का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
बौद्धिक सत्र में जिला प्रचारक डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने कहा कि संघ के द्वितीय सरसंघचालक पूजनीय माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर जी ने देश की स्वतंत्रता से पूर्व एवं बाद देश में राष्ट्रवाद की अलख जगाई। उन्होंने 1947 में जम्मू कश्मीर के महाराजा हरी सिंह से भारत में विलय के लिए विलय पत्र दिलवाया। जिससे जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना। पाकिस्तान से आए हुए लोगों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था के लिए सर्वहारा वास्तु समिति बनाई। उन्होंने 1952 में सरकार को चेताया था कि चीन की नीति विस्तार वादी है हिंदी चीनी भाई भाई का नारा छलावा है। 1962 के चीनी युद्ध में सरकार और सेना का जनता द्वारा मनोबल बढ़ाने के लिए तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम सेवकों द्वारा सीमा पर युद्ध सामग्री पहुंचा कर सेना की मदद की। जिसके लिए 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में 3000 गणवेश धारी स्वयंसेवकों ने संघ घोष के साथ मार्च किया।
उन्होंने कहा की 1965 के पाकिस्तान युद्ध में प्रधानमंत्री शास्त्री द्वारा देश की मुख्य राजनेताओं की बैठक में श्री गुरु जी को आमंत्रित किया इसमें गुरु जी ने परामर्श दिया कि पाकिस्तान का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जाए वह भारत के विभाजन के खिलाफ थे तथा अखंड भारत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पक्षधर रहे 1971 के बांग्लादेश युद्ध में भारतीय सेना द्वारा 92000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण कराने पर रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम को लिखा आपका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए । श्री गुरु जी द्वारा विभाजन में पाकिस्तान से आए हुए लोगों के आवास एवं भोजन के लिए वास्तु हारा सहायता समिति का निर्माण किया गांधी हत्या का झूठा आरोप लगाकर संघ पर प्रतिबंध हटाने के लिए नारा देते हुए कि आरोप सिद्ध करो या प्रतिबंध हटाओ जेल भरो सत्याग्रह प्रारंभ हुआ जिसमें 77090 स्वयं सेवकों द्वारा अपनी गिरफ्तारी दी । आरोपों के अभाव में संघ से प्रतिबंध हटाना पड़ा श्री गुरु जी का कहना था कि भारत में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति आपने धर्मानुसार अपनी पूजा पद्धति अपनाएं तथा भारत माता, गौ माता की रक्षा को अपना परम कर्तव्य समझे श्री गुरु जी ने गौ हत्या निरोध के लिए एक करोड़ 7500000 देशवासियों के हस्ताक्षर युक्त पत्र राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को सौंपा।
श्री गुरु जी ने हिंदुओं का मानस इसके लिए तैयार किया है कि भारत पर हुआ आघात अपनी माता पर हुआ आघात समझ कर प्रतिरोध करें यही भारतीयता की पहचान है। जो प्राचीन काल से चली आ रही है श्री गुरु जी भाषा वार प्रांतों के विभाजन के विरुद्ध थे उनके कार्यकाल में संघ द्वारा समाज के प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्रवाद को प्रेरित करते हुए अनुषांगिक संगठनों का निर्माण हुआ गुरुजी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व महान था जो हमारे लिए अनुकरणीय है जिससे देश समाज और राष्ट्र परम वैभव प्राप्त करेगा