आईआईटी रुड़की में हाइड्रो एवं रिन्युबल एनर्जी – नेट जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम्स पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का किया गया आयोजन

 

रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) अपने कैंपस में 17 और 18 अक्टूबर 2022 को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कर रहा है जो ‘हाइड्रो एंड रिन्यूएबल एनर्जी – नेट जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम्स’ 2022 (आईसीएचआरई 2022) के थीम पर केंद्रित है। आईआईटी रुड़की के हाइड्रो और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के लिए नेट जीरो कार्बन एमिशन सिस्टम के रास्ते निकालने पर विमर्श का विशेष मंच होगा। सम्मेलन का थीम ग्लासगो (सीओपी26) में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता पर केंद्रित है जो 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम्स करने की है।

उद्घाटन सत्र में आईआईटी रुड़की के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एम. एल. शर्मा ने बताया “संस्थान के लिए इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करना गर्व की बात है। आज पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के प्रकोप ज्यादा दिखने लगे हैं जिससे निपटने में नेट जीरो कार्बन एमिशन सिस्टम्स का महत्वपूर्ण योगदान होगा। मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन से अनुसंधान में सहयोग, भागीदारी और ठोस परिणाम सामने आएंगे। इस तरह हाइड्रो और नवीकरणीय ऊर्जा में नई प्रौद्योगिकियों के विकास की गति बढ़ेगी।’’

पहले दिन डॉ. वाहन जेवोर्जियन, चीफ इंजीनियर, नेशनल रिन्यूएबल एनर्जी लेबोरेटरी (एनआरईएल), यूएसए और रेजी कुमार पिल्लई, प्रेसिडेंट, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम ने बीज वक्तव्य दिए। इस अवसर पर इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम (आईएसजीएफ), इंडिया के अध्यक्ष रेजी कुमार पिल्लई ने भारत में नेट जीरो कार्बन एमिशन सिस्टम्स के विकास में स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों और डिस्ट्रिब्यूटे जेनरेशन को बहुत अहम बताया।

प्रो. मुकेश कुमार सिंघल, प्रमुख, हाइड्रो और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, आईआईटी रुड़की ने सम्मेलन में शामिल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि विभाग पिछले 40 वर्षों से स्मॉल हाइड्रोपावर में अभूतपूर्व कार्य करने के साथ स्वच्छ ऊर्जा शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा दे रहा है। हाल के वर्षों में हमारे विभाग ने शिक्षण और अनुसंधान का दायरा बढ़ाते हुए इसमें सोलर फोटोवोल्टिक, पवन ऊर्जा, पम्प्ड स्टोरेज हाइड्रोपावर और हाइड्रोजन एनर्जी स्टोरेज तथा इलैक्ट्रिक ग्रिड में रिन्युएबल एनर्जी की प्रौद्योगिकियों का समावेश किया है।

सम्मेलन के दूसरे दिन एक बीज वक्तव्य सत्र आयोजित है जिसमें प्रोफेसर रंगन बनर्जी, निदेशक, आईआईटी दिल्ली और एस.आर. नरसिम्हन, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीओएसओसीओ) अपने विचार रखेंगे। प्रो. हिमांशु जैन, एचआरईडी और इस आयोजन आईसीएचआरई 2022 के सचिव ने सम्मेलन के बारे में जानकारी दी और बताया कि चूंकि नेट जीरो एनर्जी सिस्टम के लिए आधुनिक प्रयासों की बड़ी रेंज़ चाहिए इसलिए आठ ट्रैक पर शोध पत्र आमंत्रित किए गए थे। एनर्जी सिस्टम्स के सभी पहलुओं को शामिल करने के लिए विभिन्न विषय चुने गए हैं जैसे कि ऊर्जा उत्पादन, ऊर्जा भंडारण, ग्रिड एकीकरण, नीतियां और विनियम जो स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों के विकास के अनुकूल परिवेश तैयार करें। प्रो. रिदम सिंह, एचआरईडी और इस आयोजन आईसीएचआरई 2022 के सचिव ने उद्घाटन सत्र के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया और सम्मेलन में शामिल गणमान्य व्यक्तियों और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इसके अलावा दो पैनल सेशन भी आयोजित किए जा रहे हैं। पहले दिन के पैनल डिस्कशन का केंद्र बिन्दु है ‘नेट-जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम विकसित करने की प्रौद्योगिकियां जिसमें निम्नलिखित सदस्य भाग ले रहे हैं:

  • डॉ. पियरे मिलेट, इनोवेशन डायरेक्टर, एलोजेन, फ्रांस
  • डॉ. प्रणवमूर्ति बालासुब्रमण्यम, प्रौद्योगिकी प्रबंधक, ईटन
  • डॉ. वाहन जेवोर्जियन, मुख्य अभियंता, नेशनल रिन्युएबल एनर्जी लैबरोटरी (एनआरईएल), यूएसए
  • श्री रेजी कुमार पिल्लई अध्यक्ष, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम (आईएसजीएफ), इंडिया

दूसरे दिन के पैनल डिस्कशन का केंद्र बिन्दु है ‘नेट-जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम विकसित करने की नीतियां’। इसमें भाग लेंगे:

  • प्रो. रंगन बनर्जी निदेशक, आईआईटी दिल्ली
  • एस.आर. नरसिम्हन, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (पीओएसओसीओ)
  • अभिषेक रंजन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, रिन्यू पावर, भारत
  • अभिषेक जैन, फेलो और निदेशक – पावररिंग लाइवलीहुड्स, काउंसिल ऑनल एनर्जी, इन्वॉरनमेंट एण्ड वाटर (सीईईडब्ल्यू), भारत

दोनों पैनल सेशन का संचालन एचआरईडी के प्रो. अरुण कुमार करेंगे। उपरोक्त के अलावा निम्नलिखित विषयों पर टेक्निकल पेपर आमंत्रित किए गए थे, जो दो दिवसीय आयोजन के 5 टेक्निकल सेशन में प्रस्तुत किए जाएंगे:

विद्युत क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने में हाइड्रो एनर्जी और पम्प्ड स्टोरेज हाइड्रो की भूमिका।

  • रिन्युएबल एनर्जी की स्थापित प्रौद्योगिकियों में प्रगति।
  • रिन्युएबल एनर्जी की उभरती प्रौद्योगिकियां।
  • ऊर्जा भंडारण का विकास और क्रियान्वयन।
  • ग्रिड से जोड़ने की चुनौतियां और अवसर।
  • नेट जीरो कार्बन एनर्जी सिस्टम्स में डिस्ट्रिब्यूटेड ऊर्जा संसाधनों की भूमिका।
  • उत्सर्जन नकारात्मक करने की प्रौद्योगिकियां।
  • नेट जीरो कार्बन के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नीतियां और विनियम

आईआईटी रुड़की के हाइड्रो और रिन्युएबल एनर्जी विभाग (एचआरईडी) की स्थापना 1982 में की गई और इस वर्ष यह अपनी रूबी जयंती मना रहा है। विभाग की दूरदृष्टि देश के विशाल अक्षय ऊर्जा भंडार का सदुपयोग करना और छोटे जलविद्युत और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को लेकर अनुसंधान और विकास करते हुए विशेषज्ञता और बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाना है।

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