मिलावटखोरी रोकने को चलाया गया विशेष अभियान
कोटद्वार । साल में एक बार एक्टिव मोड में आकर धड़ल्ले से कार्रवाई करने वाले खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच करने वाले विभाग के हालात इस बार बहुत ज्यादा अच्छे नहीं है। इस बार लोगों को दीपावली पर मिठाई व अन्य खाद्य सामग्री की शुद्धता की परख खुद करनी होगी। यह हम नहीं, सरकारी व्यवस्था कह रही है। त्योहारी सीजन में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता जांचने वाले अधिकारी खुद ओवरलोड हैं। हालात यह हैं कि एक-एक अधिकारी पर चार से पांच तहसीलों का कार्यभार है। सैंपलिंग करना, कोर्ट जाना, कागजी कार्रवाई निपटना, लाइसेंस व पंजीकरण की जिम्मेदारी इन्हीं के जिम्मे है। ऐसे में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट (एफएसएसए) के तहत हर माह निर्धारित 30 सैंपल लेना उनके लिए मुश्किल हो गया है। ऐसे में परिणाम क्या होंगे, यह सोच पाना भी मुश्किल है।
बुधवार को नगरनिगम कोटद्वार में जिला अनहित अधिकारी एएस रावत के के नेतृत्व में लालबत्ती चौक, स्टेशन रोड़, झंडाचौक, आदि जगहों पर दुकानों से बर्फी, पापडी, कराची हलुवा आदि मिठाई व खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत खाद्य लाइसेंस की शर्तों का पालन करने के साथ विक्रेता को लाइसेंस दुकान पर लगाने का निर्देश दिया। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी एएस रावत ने कहा कि खाद्य पदार्थ के नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रूद्रपुर की जांच रिपोर्ट में अगर नमूना मानक स्तर का नहीं पाया जाता है तो संबंधित खाद्य प्रतिष्ठान के मालिक के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी । स्टाफ की कमी के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है ।