चमोली जिले के कई पैदल जर्जर हाल में, हादसों को देते न्यौता
गोपेश्वर (चमोली)। गुजरात के मोरबी पुल हादसे के बाद चमोली जिले के विभिन्न गांवों को जोड़ने वाले पैदल पुलों जिनकी हालत मरम्मत के अभाव में काफी जर्जर हो गई है के बारें में भी लोगों के बीच चर्चा होनी शुरू हो गई है। चमोली जिले के कुछ पुलों की स्थिति तो इतनी खराब है कि उनकी मरम्मत की मांग को लेकर ग्रामीण लंबे समय से शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गई है।
चमोली जिले के जोशीमठ ब्लाक के अन्तर्गत भारत-तिब्बत-चीन सीमा के नीती घाटी में भलागांव पैदल पुल की स्थिति बहुत खराब है। रैणी तपोवन के जल प्रलय की घटना से इस पैदल पुल को बहुत नुकसान हुआ था। नीती मलारी घाटी के सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह बुटोला कहते हैं कि क्षतिग्रस्त पुल के सुधारीकरण अथवा नवीनीकरण के लिए विभाग, प्रशासन, शासन को कई बार अवगत कराया पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वे कहते हैं इस पुल की स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी खतरा हो सकता है, वहीं नीती मलारी घाटी के फागती पुल से लोग जान हथेली पर लेकर चलने पर विवश हैं। लक्ष्मण सिंह बुटोला बताते हैं बच्चे इस पुल पर आवागमन करने से डर रहे हैं। यह पुल खतरे की जद है। इसी तरह इसी नीती मलारी घाटी के जुव्वा ग्वाड़ जुग्जू पैदल पुल की स्थिति भी बेहद चिंता जनक बनी है। उन्होंने बताया कई बार शासन प्रशासन को ज्ञापन देने के बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है ।
बोले क्षेत्र के ग्रामीण नीती मलारी घाटी के रहने वाले और सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह बुटोला कहते हैं नीती मलारी के गावों को जोड़ने वाले सभी पैदल पुलों और झूला पुलों की स्थिति खराब है। इनमें कुछ पुल 40 साल तो कुछ 15 साल पहले बने है। लेकिन तब से लेकर अभी तक इन पुलों पर कोई मरम्मत या सुधारीकरण का कार्य नहीं हुआ। पुलों की स्थिति बहुत खराब है। ग्रामीण विवशता में इन्हीं पुलों से आवागमन कर रहे हैं। शासन प्रशासन को कई बार स्थिति से अवगत कराया पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार ने बताया वर्तमान में सिमरी पैदल के सुधारीकरण का कार्य चल रहा है। सलूड़ डुंग्रा के मोटर पुल पर भी सुधारीकरण का कार्य किया जा रहा है। यदि ग्रामीण पुलों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलेगी तो उनमें भी कार्य होगा। अन्य ग्रामीण पुलों की खराब होने जानकारी मेरे संज्ञान में अभी नहीं है।