पंच केदार के कल्पेश्वर घाटी में शिव पार्वती विवाह मेला संपन्न

@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (05 अप्रैल 2023)

चमोली। उत्तराखंड पंच केदार के पंचम केदार कल्पेश्वर क्षेत्र में शिव पार्वती विवाह मेला हर वर्ष संपन्न होता है चैत्र नवरात्र के छठी तिथि को भगवती गौरा का प्रथम फेरा शुरू किया जाता है यह प्रक्रिया तो चलते रहता है। चतुर्दशी तिथि को गौरा मंदिर से भगवती की डोली केदार मंदिर में पहुंचती है वहां चतुर्दशी तिथि 9 फेरे पूरी की जाती हैं। भगवती गौरा अपने भाई घंटाकर्ण को मिलने घंटाकरण मंदिर की तरफ जाती है भगवती कहती है कि तुम मेरे साथ कैलाश के लिए छोड़ने जाएंगे भगवान घंटाकरण कहते हैं दो दिवसीय मेले में मैं आपको आमंत्रण कर रहा हूं शिव शंकर और पार्वती स्वयं चतुर्थीदशी और पूर्णमासी के मेले में उपस्थित रहते हैं ऐसी मान्यता है कल्प क्षेत्र के जनता ने आज गौरा शिव मंदिर से गौरी मंदिर मैं विराजमान होती हैशाम को चोपता में विराजमान रहती हैं रात्रि भर जागर के माध्यम से भगवती की स्तुति गायन किया जाएगा। चारों पहर में विशेष पूजा आयोजन होगा उसके बाद कल भगवान नारायण के साथ गुरुड महाराज विराजमान रहेंगे और उनके विदाई के बाद गौरा को कैलाश विदाई हो जाएगी। जागर के माध्यम से बड़े भाई घंटाकरण उनको कैलाश अर्थात रोखनी हाट भेज देंगे। आने वाले भादो माह की द्वितीय तिथि को फिर मैती लोग भगवती को बुलाने के लिए कैलाश जायेंगे।  इस यात्रा की अगवानी भरकी भूमियाल क्षेत्रपाल करेंगे ऐसी मान्यता है फिर भगवती 6 माह के लिए मायके आ जाएगी। आज देवग्राम में मां बहनों ने बड़े भाउक पल्को से भगवती का कैलाश के लिए विदाई दी फिर 6 माह बाद मुलाकात होगी तब तक अपने कैलाश में रहना हम तुम्हें कलेवा लेकर के बुलाने के लिए वुलावा भेजेंगे ऐसी लोक मान्यताएं हैं। इस शादी विवाह के मंडप में लोक मंगल गीत का गायन किया जाता है साथ ही जागर के माध्यम से भगवती को समझाया और बुझाया जाता है ऐसी मानता है कल्पेश्वर घाटी के लोग भगवती नंदा के अर्थात गौरा के मायके के निवासी हैं।

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