बैंकिंग और फाइनैंस में आईआईटी मद्रास प्रवर्तक फाउंडेशन के स्किल डेवलपमेंट कोर्स में नामांकन शुरू
म्यूचुअल फंड इक्विटी डेरिवेटिव्स डिजिटल बैंकिंग सिक्योरिटीज के काम–काज और जोखिम की रोकथाम में करियर बनाने के लिए तैयार किए जाएंगे उम्मीदवार
प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवार एनआईएसएम एनएसई बीएसई और आईआईबीएफ की सर्टिफिकेशन परीक्षाएं आत्मविश्वास के साथ देंगे
चेन्नई : आईआईटी मद्रास प्रवर्तक फाउंडेशन जो आईआईटी मद्रास का टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब है अब बैंकिंग और फाइनैंस में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों को इस इंडस्ट्री के लिए आवश्यक उच्च स्तरीय कौशल विकास कोर्स करने का अवसर दे रहा है। ये कोर्स आईआईटी मद्रास की खास पहल डिजिटल स्किल्स अकादमी के सहयोग से शुरू किए जा रहे हैं। इस प्रशिक्षण में चेन्नई की एक प्रमुख फाइनैंस सेक्टर सर्टिफाइड ट्रेनर इनफैक्टप्रो की अहम् भागीदारी होगी। इनफैक्टप्रो कौशल विकास मंत्रालय के बैंकिंग और वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र कौशल परिषद का एक प्रशिक्षण भागीदार है।
भारत में बड़ी संख्या में विद्यार्थी बैंकिंग सेक्टर में करियर बनाने के इच्छुक हैं। हर साल लगभग 30 लाख उम्मीदवार अलग-अलग बैंक में नियुक्ति की परीक्षाएं देते हैं, जिसमें केवल 5 प्रतिशत ही पूरी तरह सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे उम्मीदवारों के सामने आज फाइनैंस और बैंकिंग में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वे उच्च स्तरीय कौशल के साथ तैयार हों। आज टियर 2 और टियर 3 शहरों में बैंकिंग और फाइनैंस सेवाओं की मांग बढ़ रही है। इसलिए इन शहरों में प्रशिक्षण देने वाले प्रोफेशनलों की मांग भी बढ़ रही है। इसके मद्देनजर शुरू किए जा रहे कोर्स में नामांकन और करिकुलम की अधिक जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
नए कोर्स शुरू करने पर पूरी टीम को बधाई देते हुए प्रोफेसर वी कामकोटी निदेशक आईआईटी मद्रास और अध्यक्ष आईआईटी मद्रास प्रवर्तक फाउंडेशन ने कहा शिक्षा का निरंतर जारी रहना जरूरी है। विद्यार्थियों और प्रोफेशनलां को कार्य क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी में आगे रहने के लिए अपने ज्ञान और कौशल का स्तर लगातार बढ़ाना होगा। आजवीन सीखना होगा। पूरे देश के लोग हमारे इन कोर्स का लाभ ले सकते हैं और खास कर दूर-दराज के लोगों के लिए यह बहुत अच्छा अवसर होगा जहां डिजिटल साक्षरता आज भी न्यूनतम स्तर पर है। ये कोर्स सभी को उनकी पसंद के करियर में सफलता की ओर अग्रसर रखने में सहायक होंगे।
इस सिलसिले में प्रो कामकोटि ने कहा हमारा देश 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पूरा करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्यग जगत के सहयोग से इस तरह के कौशल विकास कोर्स शुरू करने की खास अहयिमत है। ये कोर्स बैंकिंग और फाइनैंस में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए बहुत सहायक होंगे। सर्टिफिकेशन कोर्स के लिए यह जरूरी है कि उम्मीदवार स्नातक का विद्यार्थी हो या किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर चुका हो और फिर बीएफएसआई के क्षेत्र में शानदार काम करने का जुनून रखता हो। ये कोर्स पूरा करने के बाद वे एनआईएसएम एनएसई बीएसई और आईआईबीएफ की विभिन्न सर्टिफिकेशन परीक्षाओं में बैठ सकते हैं।
नए कोर्स के बारे में विस्तार से बताते हुए आईआईटी मद्रास में सेंटर फॉर आउटरीच एंड डिजिटल एजुकेशन (सीओडीई के तहत डिजिटल स्किल्स अकादमी के प्रधान समन्वयक प्रो के मंगला सुंदर ने कहा, ‘‘बीएफएसआई सेक्टर प्रौद्योगिकी प्रगति के नए दौर में है और डिजिटल हो रहा है। इसलिए इस सेक्टर के संगठनों को सही कौशल वाले उम्मीदवारों की तलाश है। इसलिए कॉलेजों के स्नातकों को चाहिए कि बीएफएसआई सेक्टर में विशेषज्ञता प्राप्त करें। ये सर्टिफिकेट कोर्स बैंकिंग और फाइनैंस म्यूचुअल फंड इक्विटी डेरिवेटिव्स डिजिटल बैंकिंग सेक्युरिटीज़ के काम-काज और जोखिम से बचाव के सिद्धांतों की गहरी जानकारी देंगे। आईआईटी मद्रास डिजिटल स्किल्स अकादमी ने आईआईटीएम प्रवर्तक से सहयोग लिया है और उम्मीदवारों को इस सेक्टर के लिए आवश्यक आधुनिक कौशल प्रदान करने और बीएफएसआई को रोजगार योग्य उम्मीदवार उपलब्ध कराने के लक्ष्य से अग्रसर है। ये कोर्स पढ़ाने में उद्योग और शिक्षा जगत के कुछ सबसे अनुभवी शिक्षकों का अहम् योगदान होगा।
‘प्रीमियर बैंकर’ पर एक कोर्स के प्रमुख फैकल्टी मेंबर होंगे प्रो एम थेनमोझी जो प्रबंधन अध्ययन विभाग आईआईटी मद्रास के प्रमुख और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी के संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेक्युरिटीज़ मार्केट्स के पूर्व निदेशक हैं। विभिन्न कोर्स के सह-प्रमुख फैकल्टी होंगे डॉ. बालाजी अय्यर जो आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के पूर्व उपाध्यक्ष हैं और कई प्रमुख बैंकों में दो दशकों से अधिक काम करने का अनुभव रखते हैं।
आईआईटी मद्रास की डिजिटल स्किल्स अकादमी (डीएस) के 25 से अधिक ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम 2018 से जारी हैं। ये नैसकॉम आईटी-आईटीईएस सेक्टर कौशल परिषद के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में संचालित हैं। डीएसए की अध्यक्षता कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस के संस्थापक-सीईओ श्री. लक्ष्मी नारायणन और आईआईटी मद्रास के पूर्व निदेशक और एनपीटीईएल के माध्यम से भारत में डिजिटल ऑनलाइन लर्निंग के संस्थापक प्रोफेसर एम.एस. अनंत करते हैं। यह आईआईटी मद्रास के सीओडीई के तहत संचालित है।