सामाजिक संगठनों को जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों तक पहुंच बनाने की आवश्यकता : संदीप चाचरा

@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (14 दिसम्बर 2022)

नई दिल्ली। दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक कार्यकर्ताओं की क्षमता वृद्धि के लिए एक्शन एड नामक संस्था के द्वारा इंडिया हैबिटेट सेंटर दिल्ली में आयोजित किया गया। कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन सरकारी योजनाओं का गरीब लोगों तक पहुंच उसका लाभ गरीबों का हक वंचितों शहरी मजदूरों को मजदूरी और शेल्टर का लाभ मिल सके उनको सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं की सामाजिक मुद्दों पर समझ और उसके विकास की रणनीति पर चर्चा की गई भारत के 27 राज्यों से आये हुए प्रतिनिधियों ने अपने काम की प्रस्तुतीकरण किया गया भविष्य की योजना सामने रखी साथ ही जो कार्य कर रहे उसको भारतीय संविधान के अंदर दिये गए अधिकारों के आधार पर आगे ले जाने की बात कही गयी इस कार्यक्रम में डेढ़ सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया और सभी ने संकल्प लिया कि मानव संसाधन विकास के साथ सरकार के द्वारा बनायी जा रहे कानून समझ के लिए सरल भाषा में उपलब्ध कराया जाए जिससे कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों को इसकी समझ हो सके और जनता को उसकी जानकारी दी जा सके।

इस अवसर पर उत्तराखंड के सामाजिक पर्यावरणीय विषय पर कार्य करने वाले सामाजिक वैज्ञानिक जबर सिंह, लक्ष्मण सिंह नेगी ने जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान के बारे में बात रखी और कहा कि उत्तराखंड भी जलवायु परिवर्तन से अछूता नहीं है यहां पर लगातार सूखा बाढ़ की स्थिति के कारण धीरे-धीरे ग्लेशियर सूख रहे हैं या पीछे हट रहे दूसरी तरफ निर्माणाधीन सड़क, जल विद्युत परियोजना योजनाओं के कारण लाखों हरे पेड़ काटे जा रहे हैं उनकी जगह पर नई पोंधे लगाने की आवश्यकता है और उनकी सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है बढ़ते तापमान को रोकने के लिए चौड़ी पत्ती के वृक्षों का रोपण किया जाना चाहिए सरकारी स्तर पर मूल्यांकन प्रणाली को विकसित किया जाना चाहिए जिससे कठोर रूप से पालन हो इस मौके पर हिमाचल प्रदेश से प्रतिनिधियों ने कहा कि यहां पर भी भूमि अधिग्रहण के कारण सैकड़ों वृक्षों का कटान किया जा रहा है सघन वृक्षारोपण होना चाहिए। तमिलनाडु से आये हुई प्रतिनिधि ने वहां पर वन अधिकार कानून 2006 के लागू करने के लिए आदिवासियों के साथ काम कर रहे हैं और उन्हें वन अधिकार कानून के तहत दावा प्रस्तुत करने लोगों को देते रहें। रामकरण आदर्शी लेबर यूनियन स्टेट
कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों के अधिकारों का हनन हो रहा है अधिकार को बहाली के लिए मजदूरों के एक होना पड़ेगा उनके सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं पर भी बल देना पड़ेगा। उत्तराखंड के उत्तरकाशी हिमला वहन ने कहां की जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि एवं महिलाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पढ़ रहा है कृषि उत्पादन घट रहा है मानव वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। बाल विवाह की घटनाएं लगातार बढ़ रही उत्तराखंड में महिला तस्करी की घटना विगत वर्षों में बड़ी है।उषा कूमारी नालंदा विहार ने कहा कि दलितों आदिवासियों के साथ लगातार हिंसा हो रही हैं महिला हिंसा को रोकने के लिए कानून तो बने हैं उसका पालन नहीं हो पा रहा पंचायतों एवं स्थानीय संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता है। बोलो अधिकारों के लिए महिलाओं को एक साथ संगठित रूप से आगे आने की आवश्यकता है। प्रेम ने कहा कि आजीविका आधारित आधारित कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के आवश्यकता है। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के डायरेक्टर जनरल के सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि जिन लोगों का अधिकार होता है उनके साथ समाज की वही लोग खड़े हो सकते हैं जो कैडर के रूप में काम कर रहे हो आज का समय बड़ा कठिन दौर से गुजर रहा है मानव अधिकार आयोग उन्हीं लोगों की मदद करता है जो संकट के समय में याद करते हैं उन्होंने कहा कि हमारे यहां शिकायत ऑनलाइन दर्ज होती है और हम संबंधित विभाग और राज्य सरकार को आदेश करते हैं कि वे उचित कार्रवाही करें और विस्तार से रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहते हैं उनके द्वारा देशभर के मानव अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया उत्तराखंड में वन रावतों के साथ काम करने वाली खीमा जेटली को सम्मान पत्र में स्मृति पत्र देकर के समय किया गया देशभर के 2 दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को दलित अधिकारों वन अधिकारों मानव अधिकारों के लिए काम करने वालों को सम्मान प्रदान किया गया।

About Author

Share