उपेक्षा और अपेक्षा के बीच अटकी पड़ी सांसें, तैड़िया, काण्डा गांव में नहीं लगा लम्पी प्रतिरोधी टीका
रिखणीखाल । प्रखण्ड रिखणीखाल क्षेत्र के सीमांत गांवों की ग्राम पंचायत काण्डा के तोक ग्रामों तैड़िया, तूणीचौड़, खेड़ा, बैडबाड़ी, सौंटियाल खोला, बुडोला खोला, दियोड़, जवाड़ियूंरौल, बीरोबाड़ी, भैंस्यारौ, बंजादेवी, कालिंको नौदानू, कर्तिया में लम्पी बीमारी से बचाव हेतु प्रतिरोधी टीकाकरण पूर्णतः नहीं हो पाया है जिस कारण अवशेष पशुधन का जीवन संकटापन्न है। विगत कई दिनों से पशुपालन विभाग की लापरवाही देखी जा सकती है। इस बीमारी से पीड़ित तैड़िया निवासी सुनीता देवी की काली नामक गाय दिन रात टकटकी लगाए अपने इलाज की अपेक्षा में विगत दस दिनों से है जबकि सरकारी अमला की उपेक्षा में इससे पूर्व कतिपय पशुधन स्वाह हो चुके हैं। गांव में जबकि हर समय ज़रूरत है।
गौरतलब है कि क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने निदेशक पशुपालन विभाग व मुख्य पशुचिकित्साधिकारी पौड़ी, प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी रिखणीखाल को पूर्व में फैल रही बीमारी के बावत क्षेत्र वासियों की मांग पर अवगत करा दिया था लेकिन शेड्यूल में शीघ्र शामिल न होने पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। दूसरी ओर डॉ. प्रेम कुमार, निदेशक पशुपालन विभाग उत्तराखंड का कहना है कि शीघ्र कार्रवाई हेतु आदेशित किया जा रहा है, शीघ्र ही अवश्यंभावी निराकरण हो सकेगा। गौरतलब है कि सुनीता देवी ने विगत दिनों पशुपालन विभाग की हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।अब देखना यह है कि कब तक विभाग की नींद खुलेगी और उपचारात्मक प्रयास कब कहां तक सार्थक होंगे ।