कितना सफल होगा कल कांग्रेस विधायक/ पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का सचिवालय कूच

@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (20 नवम्बर 2022)

देहरादून- उत्तराखंड में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को एकजुट करने में पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। प्रदेश में कांग्रेस के 19 विधायक हैं और सभी विधायक अलग-अलग खेमों में बंटे हुए हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने 21 नवंबर को अपने स्तर पर भाजपा सरकार के खिलाफ सचिवालय कूच का कार्यक्रम तय किया है, जिसको लेकर संगठन के अधिकांश पदाधिकारी नाराज दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश संगठन को बिना बताएं प्रीतम सिंह ने कार्यक्रम को तय किया है इसलिए अधिकांश नेता इसमें शामिल नहीं होंगे।

प्रीतम सिंह ने कहा कि सचिवालय कूच के इस कार्यक्रम में पार्टी के सभी विधायकों और नेताओं से शामिल होने को कहा गया है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा से उनकी इस संबंध में अब तक बातचीत नहीं हुई है। इस बात से नाराज माहरा ने प्रीतम के कार्यक्रम से प्रदेश संगठन के दूरी बनाने के संकेत दे दिए हैं। इस पूरे मामले में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा द सोनी ने कहा कि पार्टी के स्तर पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए था प्रदेश संगठन को इससे पहले पूरी जानकारी जरूरी थी लेकिन जो भी हो प्रीतम सिंह कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। हालांकि ये एक सच है कि पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के 21 अक्टूबर को शक्ति प्रदर्शन के बहाने कांग्रेस में खींचतान तेज हो गई है। 21 को सचिवालय कूच कार्यक्रम से वरिष्ठ नेताओं ने दूरी बनाने की तैयार कर ली है।

प्रदेश की प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के भीतर रस्साकशी नई बात नहीं है। पार्टी में इस तरह के मामले और नजारे हमेशा देखने और सुनने को मिलते रहे हैं। पार्टी के भीतर खुद को मजबूत दिखाने की कवायद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है।इस बार पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चकराता से छह बार के विधायक प्रीतम सिंह तीखे तेवर अपनाते हुए संगठन और पार्टी के अन्य क्षत्रपों से अलग राह पर चलने का मन बना चुके हैं। इस पूरे मामले में उत्तराखंड बीजेपी ने अलग ही प्रतिक्रिया दी है बीजेपी के प्रदेश महामंत्री ने कहा है कि कांग्रेस अब समाप्ति की ओर है और कांग्रेस को लेकर कुछ भी कहना उचित नहीं है।

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