उद्यमिता विकास कार्यक्रम का प्रदर्शनी के साथ हुआ समापन प्रदर्शनी में नवाचार और उद्यमिता को मिला प्रोत्साहन…..

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@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (07 मार्च 2025)

ऋषिकेश।श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पं. ललित मोहन शर्मा कैंपस, ऋषिकेश में देवभूमि उद्यमिता योजना (DUY)के अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रदर्शनी में विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों, नवोदित उद्यमियों और स्थानीय व्यापारियों ने अपने उत्पादों, नवाचारों और स्टार्टअप मॉडलों का प्रदर्शन किया।


प्रदर्शनी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने रिबन काट कर किया। तत्पश्चात कुलपति महोदय ने प्रत्येक स्टाल पर जा कर स्टाल लगाने वाले वर्तमान उद्यमी एवं भावी उद्यमियों से उनके बिजनेस आइडिया एवं उत्पादों के बारे मे गहन चर्चा की, चर्चा के दौरान प्रोफेसर जोशी ने भविष्य मे आने वाली कठिनाइयों को समझाते हुए उनके समाधान के बारे मे बताया।उन्होंने कहा कि आज का युग नवाचार और उद्यमिता का है, और युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप संस्कृति अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को पेटेंट, ट्रेड फेयर, स्टार्टअप अनुदान योजनाओं और अन्य व्यावसायिक अवसरों की जानकारी दी और उन्हें अपने विचारों को उद्योगों से जोड़ने के लिए प्रेरित किया। प्रदर्शनी में कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि युवा उद्यमियों को स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भविष्य में और अधिक व्यापक स्तर पर किया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर और उद्यमशील बनाया जा सके।

इस अवसर पर कुलपति महोदय के साथ परिसर निदेशक प्रोफेसर एम. एस. रावत, प्रोफेसर डी. सी. गोस्वामी, प्रोफेसर संजय पंत, प्रोफेसर अनीता तोमर, प्रोफेसर धर्मेन्द्र तिवारी, डॉक्टर शालिनी रावत, श्री अभिषेक नंदन, श्री शशि बहुगुणा, श्री त्रिलोक नारायण, परिसर के अधिकांश प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का निरीक्षण कर उत्पादों के बारे मे जानकारी प्राप्त की तथा विभिन्न उत्पादों का क्रय भी किया।

कार्यक्रम की नोडल अधिकारी अनीता तोमर ने बताया कि प्रदर्शनी के दौरान 20 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) पंजीकृत किए गए, जिससे युवा उद्यमियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और आर्थिक सहायता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की प्रदर्शनियाँ विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती हैं और उन्हें अपने उत्पादों को बाजार में उतारने, व्यवसाय का विस्तार करने और वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद करती हैं।”युवा ही देश का भविष्य हैं, और उनका नवाचार भारत की प्रगति का आधार बनेगा,” इस संदेश के साथ उन्होंने विद्यार्थियों को स्वतंत्र रूप से सोचने, अनुसंधान करने और अपने विचारों को उद्योग से जोड़ने की प्रेरणा दी। उद्यमिता विकास कार्यक्रम का प्रारंभ २४ फरवरी2025 को हुआ तथा लगातार १२ दिन चला। इन १२ दिनों मे ६ स्थानीय उद्यमियों ने प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव, उत्पाद एवं निर्माण प्रक्रिया को साझा किया। डी. यू. वाई. से श्री दीपक चौहान, श्री अभिषेक नन्दन, श्री शशि बहुगुणा, श्री त्रिलोक नारायण, श्रीमती बीना जखमोला ने उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत व्याख्यान दिए। प्रोफेसर अनीता तोमर ने प्रतिभागियों को MSME पंजीकरण कराने पर जोर दिया। प्रतिभागी अपने अपने बिजनेस आइडिया पर विस्तृत व्याख्यान दिनांक १९ मार्च २०२५ को प्रस्तुत करेंगे तत्पश्चात इन्हें सीड फंडिंग के लिए आवेदन करवाया जाएगा।

प्रदर्शनी में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर मालदेवता, राजकीय डिग्री कॉलेज पावकी देवी, राजकीय डिग्री कॉलेज भ्यूंपतवाला और गृह विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस प्रदर्शनी में कृषि, हैंडीक्राफ्ट, होम साइंस, टेक्नोलॉजी, और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों से जुड़े उत्पादों और स्टार्टअप मॉडलों का प्रदर्शन किया गया। छात्रों और नवोदित उद्यमियों ने प्रिंटेड उत्पाद, हर्बल उत्पाद, स्थानीय पारंपरिक व्यंजन, ऑर्गेनिक स्किनकेयर प्रोडक्ट्स, और पर्यावरण-संवेदनशील उत्पाद प्रस्तुत कीं। इसके अलावा, स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उद्यमियों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।


डायल ऋषिकेश (DIAL Rishikesh) की श्रीमती बीना जखमोला विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने और स्थानीय व्यापार के डिजिटलीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छोटे स्तर पर शुरू किए गए व्यवसाय भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस कार्यक्रम में कैम्पस निदेशक प्रो. एम.एस. रावत, डीयूवाई परियोजना अधिकारी श्री अभिषेक नंदन, डीयूवाई मेंटर्स श्री शशि बहुगुणा और श्री त्रिलोक नारायण ने विद्यार्थियों को स्टार्टअप प्रारंभ करने की प्रक्रिया, वित्तीय सहायता प्राप्त करने के तरीके, विपणन रणनीतियाँ और उत्पाद नवाचार के बारे में मार्गदर्शन दिया।
पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के मेंटर प्रोफेसर धर्मेन्द्र तिवारी ने प्रतिभागियों को उद्यमिता के क्षेत्र मे विभिन्न संभावनाओं, चुनौतियों के बारे मे बताते हुए सर्विसेस एवं मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं जैसे ब्रांड, ट्रेडमार्क , विपणन रणनीति, विज्ञापन, लेबलिंग, लैब टेस्टिंग, मूल्य रणनीति तथा वितरण माध्यमों के बारे मे प्रतिभागियों के साथ विस्तृत चर्चा की।

डॉ. शालिनी रावत ने कहा कि विद्यार्थियों को नवाचार और व्यावसायिक कौशल विकसित करने की दिशा में और अधिक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।

प्रदर्शनी में भाग लेने वाले कई छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि इस प्रदर्शनी ने उनके व्यावसायिक विचारों को नया दृष्टिकोण प्रदान किया।”सरकार द्वारा दी जा रही सहायता योजनाओं के बारे में हमें इस प्रदर्शनी में काफी जानकारी मिली, जिससे हम अपने व्यवसाय को और बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं।”

इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर मे कुल १६ स्टाल लगे जिसमें अभिषेक घनशाला, दक्षिता भारद्वाज, टीना शर्मा, वैभवी भट्ट, लवली जैन, सोनिया देवरानी, अनुष्का शर्मा, साक्षी राणा, प्रिया जोशी, मान्या राजपाल, भावना मेहता, स्मिता बसेरा, बीना जखमोला, तुषार सिंह, नीतीश कुमार,एवं आंशिक सैनी ने अपनी अपनी टीम के साथ प्रतिभाग किया।

इस प्रदर्शनी ने विद्यार्थियों को नवाचार और व्यवसाय की दुनिया से जोड़ने का एक सशक्त मंच प्रदान किया। साथ ही, स्थानीय उद्यमियों को नए व्यापारिक अवसरों और सरकारी योजनाओं से जुड़ने का अवसर भी मिला।

यह कार्यक्रम स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और उत्तराखंड सरकार की MSME योजनाओं के लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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