लैंसडाउन : भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनायी गयी महात्मा गाँधी एवं शास्त्री जयंती

लैंसडाउन : भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में राष्ट्रीय पर्व गांधी जयंती व लाल बहादुर शास्त्री जयंती को बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया l कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ध्यानी द्वारा किया गया l कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसपी मधवाल द्वारा ध्वजारोहण व राष्ट्रीय गान के उपरांत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर  किया गया l NCC कैडेट्स के द्वारा मार्च पास्ट कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई l
प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसपी मधवाल द्वारा उपस्थित छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि भारत में हर साल 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। यानी देश इस बार गांधीजी की 151वीं जयंती मना रहा है। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है l
हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश ध्यानी द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कीगांधी जी के पास अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी। गांधी जी से प्रभावित होकर लोग आजादी की लड़ाई से जुड़ते रहे। उन्होंने अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व व विचारों से स्वतंत्रता आंदोलन को धार दी। गांधी जी समाज में फैली बुराइयों जैसे छुआछूत, शराब, जातीय भेदभाव, असमानता, महिलाओं के साथ भेदभाव के भी घोर विरोधी थी।उसके उपरांत वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके द्विवेदी द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के विषय में बताया की संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून 2007 में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने की घोषणा की। महासभा के सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में स्वीकार किया।
भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कुमार द्वारा बताया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। लेकिन उनकी आजादी की लड़ाई का तरीका एकदम अलग था। वह बिना किसी को चोट पहुंचाए, बिना हिंसा के अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने में यकीन रखते थे। गांधी जी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है। उनके अहिंसात्मक व्यवहार के कारण वैश्विक तौर पर गांधी जी को सम्मान मिला। इसी सम्मान को  व्यक्त करने के लिए 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
NSS  प्रभारी डॉक्टर डीसी मिश्रा द्वारा  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत अभियान के महत्व के संबंध में कहा गया कि इसका उद्देश्य आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। महात्‍मा गांधी के स्‍वच्‍छ भारत के स्‍वप्‍न को पूरा करने के लिए l इसके उपरांत NCC/NSS/Rovers Rangers व अन्य  उपस्थित सभी छात्र छात्राओं ,प्राध्यापकों  एवं शिक्षणेत्तर  कर्मचारियों के द्वारा महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया l इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक और और सभी शिक्षामित्र कर्मचारी उपस्थित रहेl

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