सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को करना पड़ रहा दिक्क़तों का सामना, 70 वर्षीय रुक्मिणी देवी को 20 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल….

@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (18 अक्टूबर 2024)

गोपेश्वर। डुमक गांव में सड़क नहीं होने के कारण जिंदगी डडी कड़ी के सहारे से चलती है 70 वर्षीय रुक्मिणी देवी को 20 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल। 

आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी चमोली जिले के डुमक गांव में यातायात सुविधा सुचारू नहीं हो पायी है। वर्ष 2009-10 में भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा इस गांव के लिए महत्वपूर्ण सड़क सैजी लग्गा मैकोट वेमरु स्यूंण डुमक कलगोठ मोटर मार्ग की स्वीकृति 29 किलोमीटर की मिली थी और यह गांव मोटर रोड़ से जोडा जाना था किंतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लोक निर्माण विभाग पोखरी के द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण यह सड़क पूरी नहीं बन पाई जिसके कारण ग्रामीण आज भी बीमार होने पर या दुर्घटना की स्थिति में डडी कंडी के सहारे जिंदगी चलती है बीमार व्यक्तियों एवं गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए एक वैकल्पिक उपाय यही है कि डडी कंडी के सहारे मुख्य बाजार गोपेश्वर तक पहुंच जाता है लगभग 20 किलोमीटर से भी अधिक पैदल दूरी तय कर जिला मुख्यालय पहुंच जाता है 16 अक्टूबर को डुमक गांव की 70 वर्षीय रुक्मिणी देवी को चोट लग गई थी अस्पताल के लिए डडी कंडी के सहारे स्थानीय युवाओं ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचाया । पिछले 78 दिनों से डुमक के ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर क्रमिक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शासन प्रशासन के साथ कई बार की वार्ता हो चुकी है आधा दर्जन से अधिक बार सुबे के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से वहां के जनप्रतिनिधि मिल चुके हैं मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों से भी ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल मिल चुका है पिछले वर्ष भी ग्रामीणों ने 40 से अधिक दिनों तक धरना प्रदर्शन हल्ला बोल पदयात्रा का संचालन किया गया लोगों को मात्र आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल पाया । अब ग्रामीण आर पार की लड़ाई के मूड में लगातार ग्राम डुमक में धरना प्रदर्शन जारी है। ग्राम संघर्ष समिति डुमक के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी बताते हैं यह लड़ाई जारी रहेगी जब तक सड़क का शासनादेश नहीं हो जाता है उन्होंने कहा कि हम सरकार की सभी बातों को मानने के लिए तैयार हैं किंतु सड़क का काम शुरू किया जाना आवश्यक है सड़क स्वीकृति मिलती है तो तभी धरना समाप्त किया जाएगा।

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