उत्तराखंड : अल्मोड़ा की बेटी महिका बिष्ट बनी सेना में लेफ्टिनेंट

उत्तराखंड : देवभूमि की बेटी ने जो ठाना, हासिल कर दिखाया, सेना में बनी लेफ्टिनेंट पहाड़ समाचार editor

अल्मोड़ा: सेना से देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं का प्यार पूरा देश जानता है। केवल बेटे ही नहीं, बेटियां भी सेना में अफसर बनकर यह साबित कर चुकी हैं कि वो…

उत्तराखंड : देवभूमि की बेटी ने जो ठाना, हासिल कर दिखाया, सेना में बनी लेफ्टिनेंट पहाड़ समाचार editor

 

अल्मोड़ा : सेना से देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं का प्यार पूरा देश जानता है। केवल बेटे ही नहीं, बेटियां भी सेना में अफसर बनकर यह साबित कर चुकी हैं कि वो किसी से कम नहीं हैं। देवभूमि की कई बेटियों सेना के अलग-अलग अंगों में बड़े ओहदों पर तैनात हैं। ऐसी देवभूमि की एक और बेटी सेना में अफसर बन गई है। अल्मोड़ा बेटी महिका बिष्ट ने सेना में अफसर बनने का ठाना था और अब उसे हासिल भी कर लिया है। लमगड़ा ब्लाक के सानड़ गांव की महिका भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन अपने सपने का पूरा करने के साथ क्षेत्र का नाम रोशन किया है। बेटी की सफलता पर स्वजनों में खुशी का माहौल है।

देवभूमि की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का डंका बजा रही है। लमगड़ा के सानड़ गांव की महिका बिष्ट भारतीय सेना का हिस्सा बन गई हैं। पिता स्व. राजेंद्र सिंह बिष्ट और माता इंदिरा बिष्ट की होनहार बेटी महिका ने अपनी मेहनत के दम पर लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार का सपना पूरा किया है। महिका के पिता स्व. राजेंद्र सिंह बिष्ट की इच्छा थी कि उनके बच्चे कुछ अलग करें। पढ़ाई में होनहार रही महिका ने शुरुआती शिक्षा सितारगंज और इसके बाद नैनीताल के डीएसबी परिसर से बीएससी की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने आर्मी कोर के इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल से कमीशन प्राप्त किया। महिका का भाई रचित बिष्ट दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट में कार्यरत हैं।

महिका ने बीते दिनों चेन्नई में पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर नियुक्ति पाई है। इस कार्यक्रम में उनके स्वजन भी मौजूद रहे। बेटी की सफलता पर परिजन भावुक हो उठे। महिका का परिवार मूलरूप से अल्मोड़ा के लमगड़ा ब्लॉक के सांगड (चलनीछीना) का रहने वाला है। महिका का ननिहाल हल्द्वानी के बच्ची नगर नंबर 2 में है। पोती के सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर नैनिहाल में खुशी का माहौल है। उनकी इस उपलब्धि पर जनप्रतिनिधियों, रिश्तेदारों, सामाजिक संगठनों आदि ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। वर्तमान में परिवार हल्द्वानी में रह रहा है।

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