आक्रोशित ग्रामीणों ने गोपेश्वर नगर में निकाली रैली, जिलाधिकारी ने परिसर में आकर लिया ग्रामीणों से ज्ञापन……
@hinwali न्यूज़ ब्यूरो (19 नवंबर 2024)
गोपेश्वर। पिछले लंबे समय से अपने गांव में ही सड़क की मांग को लेकर आंदोलित डुमक गांव के ग्रामीणों ने थक हारकार मंगलवार से कलेक्ट्रेट परिसर में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
ग्रामीणों ने कहा कि अब सड़क निर्माण के बाद ही आंदोलन को विरात दिया जाएगा। कहा गया कि जल्द सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो आंदोलन तेज कर लिया जाएगा। मंगलवार को जब ग्रामीण कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे तो जिलाधिकारी संदीप तिवारी परिसर में पहुंचे और ग्रामीणों ने उन्हें प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
सैंजी लग्गा मैकोटडुमकगलगोठसड़क निर्माण की मांग को लेकर डुमक के ग्रामीण एक अगस्त से गांव में क्रमिक अनशन पर बैठे हुए थे। शासन प्रशासन के स्तर पर मांग पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने मंगलवार को गोपेश्वर नगर में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर अनशन शुरू कर दिया।
ग्रामीणों की मांग है कि सड़क का रुका हुआ काम शुरू किया जाए और इसे 2010 के एलाइमेंट से ही बनाया जाए। अनशन पर अंकित भंडारी, अनिरुद्ध सिंह सनवाल बैठे हैं, उनके साथ विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, प्रेम सिंह सहित अन्य ग्रामीण भी धरने पर बैठे हुए हैं।
वहीं ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री को भी ज्ञापन भेजा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की मनमानी के चलते उनका गांव सड़क से वंचित है। उन्होंने जल्द से जल्द सड़क का काम 2010 के एलाइमेंट से शुरू कराने की मांग की है।
स्यूंण से डुमक गांव के लिए 2007-08 में 32 किमी सड़क की स्ववीकृति मिली। 2010 में पर्यावरण मंत्रालय ने इसे स्वीकृति दी। इसी साल पीएमजीएसवाई ने संजय कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया। कंपनी ने 2013
तक नौ किमी सड़क बनाने के बाद काम बंद कर दिया। 2015 में रेट रिवाइज कर शेष करीब 23 किमी सड़क के लिए स्टार कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया। कंपनी ने 2017 तक सिर्फ आठ किमी सड़क बनाई
और काम बंद कर दिया। 2019 में पीएमजीएसवाई ने सड़क का एलाइमेंट बदलकर इसकी दूरी 3.53 किमी कम कर दी।
इसपर किसी को आपत्ति नहीं थी। लेकिन कार्य शुरू नहीं हुआ और 2021-22 में फिर इसका एलाइमेंट बदल दिया गया। जिसमें डुमक को छोड़ दिया और सड़क को सीधे कलगोठ तक बनाया जाना था। इससे डुमक के ग्रामीण नाराज हो गए जिससे सड़क को लेकर विवाद शुरू हो गया।