छात्रों का एमएसएमई पंजीकरण सफलतापूर्वक संपन्न, स्टार्टअप इकोसिस्टम को मिलेगा बढ़ावा……

@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (06 मार्च 2025)
ऋषिकेश। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पं. ललित मोहन शर्मा कैंपस, ऋषिकेश में देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत आयोजित उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत आज छात्रों के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) पंजीकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई। यह पहल छात्रों के स्टार्टअप्स को कानूनी पहचान देने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से की गई थी। इस अवसर पर देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल अधिकारी प्रो. अनिता तोमर ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “यह पहल छात्रों को स्वरोजगार और उद्यमशीलता के प्रति प्रेरित करने का एक प्रभावी माध्यम है। आज के युवा नौकरी ढूंढने के बजाय खुद रोजगार सृजन करने की क्षमता रखते हैं, और एमएसएमई पंजीकरण उनके व्यवसाय को नई पहचान और स्थिरता प्रदान करेगा।”
कार्यक्रम में श्री त्रिलोक नारायण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए छात्रों को एमएसएमई पंजीकरण प्रक्रिया, दस्तावेज़ीकरण, सरकारी लाभ, वित्तीय सहायता और उद्यमिता विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को समझाया कि पंजीकरण से न केवल उनके व्यवसाय को पहचान मिलेगी, बल्कि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं, अनुदानों और बैंकों से मिलने वाले ऋण का लाभ भी प्राप्त होगा। उन्होंने कहा, “आज का युग नवाचार और उद्यमशीलता का है। यदि युवा छात्र अपने विचारों को साकार करना चाहते हैं, तो उन्हें आधिकारिक रूप से पंजीकृत होकर सही दिशा में आगे बढ़ना होगा। एमएसएमई पंजीकरण उन्हें न केवल कानूनी पहचान देता है, बल्कि सरकारी योजनाओं और अन्य व्यावसायिक संसाधनों तक पहुंच भी प्रदान करता है।”
प्रो. धर्मेंद्र तिवारी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आज स्टार्टअप संस्कृति पूरी दुनिया में तेजी से विकसित हो रही है। जिन छात्रों के पास नवीन व्यावसायिक विचार हैं, वे इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और अपने विचारों को व्यावसायिक सफलता में बदलें। एमएसएमई पंजीकरण उनके व्यवसाय की बुनियादी नींव को मजबूत करेगा और उन्हें कानूनी, वित्तीय तथा बाज़ार से जुड़ी सहायता प्रदान करेगा।”
डॉ. शालिनी रावत ने इस अवसर पर कहा, “उद्यमिता विकास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नवाचार और व्यावसायिक दृष्टिकोण से लैस करना है। यह पंजीकरण अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि छात्र सही योजना और मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़ें, तो वे अपने स्टार्टअप को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा सकते हैं।”
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में छात्रों ने एमएसएमई पंजीकरण कराया और अपने व्यावसायिक विचार साझा किए। स्टार्टअप्स के लिए दी जाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिलने से छात्र काफी उत्साहित नजर आए।
कुछ प्रमुख व्यावसायिक विचार जो पंजीकरण के दौरान सामने आए:
इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स, लोकल हस्तशिल्प और आर्टिफैक्ट्स, ऑर्गेनिक और हेल्दी फूड स्टार्टअप, जैविक उत्पादों और पौष्टिक भोजन को बढ़ावा देने वाले स्टार्टअप। इस पंजीकरण प्रक्रिया के बाद सभी नवोदित उद्यमी 7 मार्च 2025 को आयोजित होने वाली स्टार्टअप प्रदर्शनी में अपने स्टार्टअप्स को प्रदर्शित करेंगे। इस प्रदर्शनी में विभिन्न उद्योग विशेषज्ञ, निवेशक और व्यापार जगत के व्यक्ति शामिल होंगे, जो छात्रों के व्यवसायों को आगे बढ़ाने में सहायता करेंगे।
कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकों और छात्रों ने एमएसएमई पंजीकरण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए एक-दूसरे को बधाई दी। इस पहल से प्रेरित होकर, कई और छात्रों ने भी आगामी दिनों में अपने व्यवसायों को पंजीकृत कराने की इच्छा व्यक्त की।
इस सफल एमएसएमई पंजीकरण अभियान ने छात्रों को औपचारिक व्यावसायिक पहचान दिलाने के साथ-साथ उन्हें स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत इस प्रकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे, ताकि अधिक से अधिक युवा आत्मनिर्भर बनकर देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे सकें।