स्वयं सहायता समूह की महिलाओ ने कहा जंगली जानवरों से खेती नुकसान को बचाना होगा
@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (17 दिसम्बर 2022)
जोशीमठ। मेरग (अकसारी) गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ वन्य जीव मानव संघर्ष के संबंध में बात की गई महिलाओं ने बताया हमारा अधिकांश कृषि उत्पाद जंगली जानवरों के कारण नष्ट हो जाता है पूरे उत्पादन का40% हिस्सा जंगली जानवरों लंगूर भालू सुअरों के द्वारा खेतों में नुकसान पहुंचाया जा रहा है हमारे यहां पर सब्जी का उत्पादन अच्छा होता है किंतु आलू मटर की खेती सूअर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के लोगों की खेती बहुत कम है जितनी भूमि में हम खेती करते हैं उसका लाभ हमें नहीं मिल पा रहा है उसके लिए ठोस नीति की आवश्यक है खेतों की घेराबंदी की आवश्यकता है खेती नुकसान का मुआवजा बहुत कम है इसे बढ़ाया जाना चाहिए। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास विषय पर चर्चा की गई स्थानीय स्तर पर जल जंगल और जमीन के सवाल पर लोगों ने कहा कि जंगलों पर स्थानीय जनता का हक होना चाहिए इस मौके पर सामाजिक संगठन जनदेश की कलावती शाह ने बाल अधिकार, वन अधिकार कानून 2006 के तहत लोगों को मालिकाना हक मिलना चाहिए जंगलों की आग से बचने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है जिससे लोगों को जल जंगल और जमीन से जोड़ा जा सकता हैं। इस अवसर पर समूह की महिलाओं को आजीविका उपार्जन के साधनों पर भी जानकारी दी गई कृषि विभाग की किसान फील्ड स्कूल के बारे में जानकारी,किसानों को बीज वितरण उन्नतशील बीजों के बारे में जानकारी दीगयी बच्चों को कुपोषणपोषण से बचाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना गर्भवती महिलाओं बच्चों के लिए मोटे अनाज साग सब्जी सलाद के उपयोग बढ़ाने की जानकारी दी गई। भारत सरकार द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन१०९८ की सेवा महिला हेल्पलाइन के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई संकट के समय में किस तरह से उपयोग किया जा सकता है।