औली ने ओढ़ी बर्फ की सफेद चादर, पर्यटक हुए आकर्षित

@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (21 जनवरी 2023)

जोशीमठ। विश्व विख्यात हिमक्रीड़ा औली ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ कर पर्यटकों को आकर्षित करने का खूबसूरत प्रयास तो किया, लेकिन देश विदेश के पर्यटक जो औली मे बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे वे जोशीमठ भू धंसाव की डरावनी तश्वीर व खबरों के कारण औली का रुख नहीँ कर पा रहे हैं।
औली की खूबसूरत वादियों का दीदार करने को आतुर पर्यटक औली मे बर्फबारी के बारे मे पूछताछ तो कर रहे हैं पर जोशीमठ पहुंचकर सड़क मार्ग से औली पहुंचने की बात करते ही पर्यटक अपना कार्यक्रम ही बदल रहे हैं।
जोशीमठ भू धंसाव की त्रासदी को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा जिस प्रकार भयभीत करने वाले समाचारों को परोसा गया उससे पर्यटन ब्यवसाय पर बेहद बुरा असर पड़ा है।हालांकि जोशीमठ को भू धंसाव से काफी नुकसान हुआ है,लेकिन इससे पूरा जोशीमठ अब रहने लायक ही नहीं रह गया ऐसा भी नहीं है। प्रभावित परिवार जोशीमठ मे ही विभिन्न स्थानों पर रह रहे हैं।
इस त्रासदी मे प्रभावित हुए परिवारों की पीड़ा को समझा जा सकता है, पुलना-भ्यूंडार,केदारनाथ एवं रैणी-तपोवन की आपदा के बाद भी लोग संवर रहे हैं,जोशीमठ मे देशभर के भू वैज्ञानि,भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान सहित अनेक एजेंसियां सर्वे कार्य मे जुटी है ताकि धार्मिक एवं पर्यटन नगरी जोशीमठ के अस्तित्व को बचाते हुए संवारा जाय।
भू धंसाव के बाद जोशीमठ का न केवल पर्यटन ब्यवसाय बल्कि बाज़ार भी बुरी तरह प्रभावित हो गया है, मकानों से किराएदार खाली हो चुके हैं,सेना के जो लोग परिवार के साथ सिविल एरिया मे रहते थे वे भी मकानों को छोड़कर अपने घरों या सेना छावनी क्षेत्र मे चले गए हैं।बाज़ार से रौनक ही गायब हो गई है।
विश्व विख्यात हिमक्रीड़ा केन्द्र औली जहाँ के लिए मौसम विभाग की बर्फबारी की पूर्व चेतावनी जारी होते ही पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता था, शानदार बर्फबारी के बावजूद औली सूना पड़ा है।
शनिवार को चटक धूप के बाद भी औली मेगिने चुने पर्यटक ही नजर आए, भू धंसाव की आशंका की चपेट मे आए रोप वे को पहले ही बंद कर दिया था,अब सड़क मार्ग ही औली पहुंचने का एकमात्र विकल्प है।
जोशीमठ-औली सड़क अब बीआरओ को हस्तांतरित हो गई है,जोशीमठ से औली तक डामरीकरण भी हुआ है, और बर्फबारी के तुरन्त बाद बीआरओ ने औली सड़क से बर्फ हटाने का  कार्य भी शुरू कर दिया है, इसके अलावा बीआरओ द्वारा बर्फ व पाले को पिघलाने के लिए नमक व यूरिया का छिड़काव भी किया गया है।

About Author

You may have missed

Share