पिंडर नदी का जल 5 माह बाद हुआ स्वच्छ, जलीय जीवों को मिली राहत

@हिंवाली न्यूज़ ब्यूरो (17 दिसम्बर 2022)

देवाल। पूरब से पश्चिम को बहने वाली एकमात्र पिंडर नदी पिछले 5 माह से मैली हुई थी, अब जाकर नदी का पानी स्वच्छ और निर्मल हो गया है। पिंडर का पानी साफ होने से जलीय जीवों के ऊपर मंडरा रहा संकट अब टल गया है।
जनपद चमोली व जनपद बागेश्वर की सीमा से लगा कुंवारी गांव के समीप हो रहे लगातार भूस्खलन का मलवा शम्भु नदी से कुवरगढ़ भागाबूगा पर पिंडर नदी में जा रहा है। जिससे पिंडर का पीनी मिट्टी युक्त अलकनंदा नदी में जा रहा था। दैनिक जागरण ने इस समाचार को 19 सितंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था तब जाके यह मामला प्रकाश में आया। जिस पर बद्रीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे वह जनपद बागेश्वर के डीएफओ हेमन्त बागड़ी ने पिंडर नदी की पूरी जांच करवाई और आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रदेश सरकार को रिपोर्ट प्रेषित की।

भिंडर नदी में लगातार मिट्टी युक्त पानी आने से पर्यावरण प्रेमियों के मस्तिक पर चिंता की लकीरें पढ़ रही थी। पांच माह से नदी में मिट्टी युक्त पानी से जलीय जीवों का जीवन संकट में पड़ा हुआ था ,अब नदी का पानी साफ हो गया है। सरकार को कुंवारी गांव में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण कर भूस्खलन को रोकने के उपाय सुझाने चाहिए।
त्रिलोक बिष्ट पर्यावरण विद देवाल:-
पिंड को तरता है पिंडर

देश में सारी नदियां उत्तर हिमालय से दक्षिण की ओर बहती है जबकि पिडर ही एक ऐसी नदी है जो पूरब से पश्चिम को बहती है और मृत आत्मा को उतारती है पिंड मृत आत्मा को तारती है । इसलिए इस नदी का नाम पिंडर है।

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